शिक्षक यानि गुरु, हमरे आदि पुराणों ओर ग्रंथो मे भी गुरु की महिमा का गण किया गया है। हमरे जीवन की राह दुखाए वह गुरु, हमें अच्छे बुरे मे अंतर बताए वह गुरु, हमारे सुनहरे भविष्य की नीव रखे वह गुरु, गुरु यानि सदगुणो ओर ज्ञान का भंडार। गुरु की जितनी महिमा गई जाए उतनी कम है।
जब शिक्षक दिन आता है तब हमारे स्कूल ओर कॉलेज मे शिक्षक दिन का आयोजन किया जाता है। इस दिन सभी बच्चे शिक्षक दिन को सेलिब्रेट करने के लिए खुद शिक्षक बनते है। इस शुभ मोके पर अगर आपको शिक्षक के लिए कुछ अच्छे शब्द बोलने को कहा जाए तो आप बोलतो दोंगे पर उसमे इतना मजा नहीं आएगा।
शिक्षक दिन पर हम अपने अपने शिक्षक को शिक्षाक दिन की शुभकामनायें देते है। लेकिन उसमे भी इतना मजा नहीं आएगा। अगर आप किसी को शिक्षक दिन पर दोहे सुनाओ तो वह देखता राह जाएगा। अगर आप अपने शिक्षक को यह दोहे सुनते हो तो वह खूब प्रसन्न होंगे।
इसलिए हमने निचे आपको बेहद ही शानदार शिक्षक दिवस दोहे प्रदान किये है। अगर आपको यह दोहे आपको पसंद आये तो आप अपने शिक्षक ओर दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हो।
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बेस्ट शिक्षक दिवस पर दोहे

कच्ची मिट्टी गूँथ वो, देता चाक चढ़ाय,
तपा ज्ञान की अगन में, शिक्षक घड़ा बनाय।
शिक्षक ऎसा होत है, जैसे शीतल नीर,
प्यास बुझा दे ज्ञान की, हर ले सारी पीर।
शिक्षक ऐसी नाव है, उस तट पर ले जाय,
जहाँ ज्ञान की भूख को, सही ग़िज़ा मिल पाय।
शिक्षक जलते दीप सा, शिक्षा उसका नूर।
अंधकार अज्ञान का, करते ज्ञान से दूर।।
गुरु के लिए दोहे
बिन शिक्षक बनता नहीं, कोई यहाँ महान।
प्रभु सम जीवन में सदा, होता उनका स्थान।।
शिक्षक अपने शिष्य का, करते हैं उद्धार।
जो उनकी सेवा करे, पाये सिद्धि अपार।।
शिक्षक पारस मानिये, खुद को लोहा मान,
उसको छूते ही बनें, सारे कनक समान ।
पहली शिक्षक माँ सदा, पिता दूसरा जान,
सबसे पहली सीख दें, पहला दें ये ज्ञान।
शिक्षक दिवस पर कुछ दोहे
शिक्षा यदि संजीवनी, शिक्षक हैं हनुमान।
मृत स्वप्नों में डालते, इस औषधि से जान।।
शिक्षक है यह जिंदगी, हम हैं इसके शिष्य।
अनुभव रुपी ज्ञान से, सुन्दर बने भविष्य।।
बिन शिक्षक संभव नहीं, करे समाज विकास।
ज्ञान यदि नहीं बांटते, होता ना इतिहास।।
शिक्षक ने ही हैं दिए, योद्धा कई महान।
करते सेवा देश की, और बढ़ाते शान।
सिक्षक के लिए दोहे
शिक्षक करें सदा सहाय, फिर कहे तुम दूर भगत जाय,
पास आकर सारण लेलो, देखो पलमे सब जिताय।
शिक्षक शिक्षा बांटता, तरु दे जैसे छाँव।
लो इनसे आशीष तुम, छूकर इनके पाँव।।
माँ देती है जन्म हमें, शिक्षक देते ज्ञान।
पिता से मिलता नाम है, तब बनती पहचान।।
शिक्षक दिवस पर कुछ लाइनें
- गुड़ बिन स्वाद कहा, गुरु बिन ज्ञान कहा
- जगत मिथ्या, दिन रात करें जाप, फिर गुरु दियो बताया
- बात लाख की, गुरु की महिमा अपरम्पार फिर दुनिया जुकात जात
- हम और तुम कभी जिसे नाप नहीं सकते, वह गुरु का ज्ञान, हम ओर तुम कभी चूका नहीं सकत, वह गुरु का वरदान
- पल मे मिट्टी, पलमे सोना, एक बार गुरु का हिले, फिर कहका रोना।
- दिन का उजाला अच्छा ओर रात बड़ी घनघोर, दोनोमे अंतर कहे मालूम, जब गुरु भेट होय।